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188 मुशकी1 चावलां दे भरे आन कोठे सोनपतीए दे झोने छड़ी दे नी बासबती पशावरी बेगमी सन हरी चंद ते जरदीए2 परी दे नी सठी किरचका सेउला किरत कंतल , अनोकीकला तीहरा सरी दे नी बारीक सुफैद कशमीर चावल खुरश जेहड़े हूर ते परी दे नी गुलियां सचियां नाक हथोड़ियां दे मोती चुन लंबोरियां3 जड़ी दे नी वारस शाह एह जेवरां घड़न ताईं पिछों पिंड सुनआरड़े फड़ी दे नी
panjabi-pan
रेलिया बैरन पिया को लिये जाये रे रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे , रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे । जौन टिकसवा से बलम मोरे जैहें , रे सजना मोरे जैहें , पानी बरसे टिकस गल जाए रे , रेलिया बैरन । । जौने सहरिया को बलमा मोरे जैहें , रे सजना मोरे जैहें , आगी लागै सहर जल जाए रे , रेलिया बैरन । । जौन सहबवा के सैंया मोरे नौकर , रे बलमा मोरे नौकर , गोली दागै घायल कर जाए रे , रेलिया बैरन । । जौन सवतिया पे बलमा मोरे रीझे , रे सजना मोरे रीझें , खाए धतूरा सवत बौराए रे , रेलिया बैरन । ।
bhojpuri-bho
228 त्रुटे कहर कलूर1 सिर ततड़ी दे तेरे बिरहौं फिराक ने कुठियां मैं सुन्नी त्राट कलेजे दे विच धानी नहीं जिउना मरन ते रूठियां मैं चोर पैन रातीं घर सुतयां दे देखो दिहें बाजार विच मुठियां मैं जोगी होइके आये जे मिले मैंनूं किसे अम्बरों कहर दे त्रुटियां मैं नहीं छड घर बार उजाड़ बैसां नहीं वसना ते नहीं वुठियां मैं वारस शाह मियां प्रेम चिठियां ने मार पटियां फटियां कुठियां मैं
panjabi-pan
लट्ठे दी चदार उत्ते सलेटी रंग माहिया लट्ठे दी चदार उत्ते सलेटी रंग माहिया आवो सामणे कोलों दी रुस के न लंग माहिया चन्ना कंदा तूं मरिया अख वे साडे आटे दे विच हथ वे लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया आवो सामणे कोलों दी रुस के न लंग माहिया चन्ना वेख के न साडे वाल हस वे साडी माँ पइ करेंदिये ए शक वे लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया आवो सामणे कोलों दी रुस के न लंग माहिया गल्लां गोरियां ते काला काला तिल वे सन्नू अज पिछवाड़े मिल वे लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया गल्लां गोरियां ते काला काला तिल वे साड़ा कड़ के लेगया दिल वे लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया तेरी माँ ने चाडया साग वे असां मंग्या ते मिलया जवाब वे लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया तेरी माँ ने चाड़ियाँ ए गंदालां असां मंगियाँ ते पैगयिया दंदलान अनवां लट्ठे दी चदार उत्ते सलेटी रंग माहिया आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया तेरी माँ ने चेद्य ए खीर वे अस्सां मांगी ते पैगई पीढ वे लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया साड़े दिल विच की की वासियां न तूं पुछियाँ ते न असी दसियाँ लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया
panjabi-pan
भरोसौ ठाँड़ो आज भरोसे की बीता भर धरती पै मानुस । अपने गेरँऊँ आई नदीसौ देख समुन्दर पलछिन सोसत , बूड़ न जाबै पाँवतरे की धरती दंदफंद औ चालफरेबी के पानूँ में उतै दूबरौ और बिचारौ एक भरोसौ दिन बूड़े कौ सूरजसौ हो हराँहराँ आँखनसामूँ सें हिलबिलानसौ हो रऔ ।
bundeli-bns
अँखिया अलसानी, संइयाँ सेज चल हो अँखिया अलसानी , संइयाँ सेज चल हो । । टेक । । लाल पलँग , पचरंग के तकिया , हो ता पर चादर तानी , । । टेक । । हलुके पाँव दीह पलँगे पर , जगिहें हमरो जेठानी । । टेक । । कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से
bhojpuri-bho
194 ढाडी भगतीए कंजरियां नकलिए सन अते डूम सरोद वजाए के जी कशमीरी ते दखनी नाल वाजे भेरां तुरियां छन वजाए के जी केसर थींनड़े पंगां दे पेच आहे घोड़े लूल्ह हमेल1 छनकाए के जी काठियां सुरख बनात दीयां हेठ ताज़ी2 दारू पींवदे धरगा3 वजाए के जी फुलां सेहरयां तुरियां नाल लटकन टके दितो ने लख लुटाए के जी वारस शाह मुख ते बन्ह मुकट सोहन सेहरे बन्ह बनाए के जी
panjabi-pan
498 भाबो जानदें हां असी सभ चालें जेहड़े मुंग ते चनें खिड़ावनी ए आप खेंडदिए किसें चालयां नूं सानूं मसतियां चा बनावनी ए चीचो चीच कंडालियां आप खेडें चिठा मापियां नाल वलावनी ए आप रहे बेगरज बेदोश बैठी माल खेड़यां दा लुटवाउनी ए
panjabi-pan
सब लोके कय लालन कि जात संसारे (बाउल) सब लोके कय लालन कि जात संसारे लालन कय , जेतेर कि रूप , देखलाम ना ए नजरे । । छुन्नत दिले हये मुसलमान , नारी लोकेर कि हय विधान ? वामन यिनि पैतार प्रमाण वामनि चिनी कि धरे । । केओ माला , केओ तसबि गलाय , जाइते कि जात भिन्न बलाय जेतोर चिह्न रय कार रे । । गर्ते गेले कू पजल कय , गंगाय गेले गंगाजल हय , मूले एक जल , से ये भिन्न नय भिन्न जानाय पात्र अनुसारे । जगत बेड़े जेतेर कथा लोके गौरव करे यथा तथा , लालन से जेतेर फाता बिकियेछे सात बजारे । ।
bengali-ben
जोगी ढ़ुढ़ण हम गया जोगी ढ़ुढ़ण हम गया , कोई न देखयो रे भाई १ एक गूरु दुजो बालको , तीजो मस्त दिवानो छोटा सा आसण बैठणा जोगी आया हो नाही . . . . . . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . २ जोगि की झोली जड़ाव की , हीरा माणीक भरीया जो मांगे उसे दई देणा जोगी जमीन आसमानाँ . . . . . . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . ३ आठ कमल नौ बावड़ी , जीन बाग लगाई चम्पा चमेली दवणो मोंगरो जीनकी परमळ वासँ . . . . . . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . ४ पान छाई जोगी रावठी , फुल सेज बिछाई चार दिशा साधु रमी रया अंग भभुत लगाईँ . . . . . . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . .
nimadi-noe
511 सहती माउ नूं आखदी सुनी मांईए किस वासते जिउ तपांवनी ए नुंह लाल जेही अंदर घतिया ई परख वाझ तूं लाल वजांवनी ए तेरी पूंह पंजफूलड़ी1 पदमनी ए वाऊ लैन खुनों क्यों गवावनी ए पई अंदरे हो बिमार चली जान बुझ के दुख वधावनी ए भावे पई रहे दिन रात अंदर नाल शौक दे नहि बलांवनी ए एह फुल गुलाब दा गुट अंदर पई दुखड़े नाल सुकावनी ए अठ पहर ही ताड़के विच कोठे पतर पानां दे पई सुकावनी ए वारस धी सयालां दी मारनी ए दस आप नूं कौन सदावनी ए
panjabi-pan
तुम खाँ देखौ भौत दिनन में तुम खाँ देखौ भौत दिनन में । अबलाखा ती मन में । हमरी तुमरी प्रीत पुरानी । छूटी वाला पन में । दरसन दियौ न्यारे परकें , छिप जिन जाव सकन में हम तुम इक संगे खेले हैं । मथुरा बिन्द्रावन में । भली करा दई भेंट ईसुरी , विध नैं येइ जनम में ।
bundeli-bns
साते हो घोड़वा गोसाई, सातो असवार साते1 हो घोड़वा गोसाई , सातो असवार । अगिलहिं2 घोड़वा देवा सुरूज असवार ॥ 1 ॥ घोड़वा चढ़ल देवा करथी पुछार3 । कउने अवादे4 बसे , भगत हमार ॥ 2 ॥ ऊँची कुरीअवा5 देवा , पुरुबे दुआर6 । बाजे मँजीरवा7 गोसाईं , उठे झँझकार8 ॥ 3 ॥ कथि केर दियवा देवा , कथि केर बात । केथी केर घिया , जरइ सारी रात ॥ 4 ॥ सोने केर दियरा देवा , कपासे केर बात । सोरही के घिया देवा , जरइ सारी रात ॥ 5 ॥ जरि गेलो घिया , मलिन भेलो बात । खेलहुँ न पइलऽ देवा , चउ पहर9 ॥ 6 ॥
magahi-mag
पूछें अपनी गोरड़ी कैसा रानी जी थारा भाग पूछें अपनी गोरड़ी कैसा रानी जी थारा भाग बधावा जी हमारे नित नया हमारा नहीं जी तुम्हारी माय का भाग जिन जाये हैं गिरदां वाले पूत जिन जाये हैं अर्जुन जैसे पूत बधावा जी हमारे नित नया
haryanvi-bgc
मैं बे-कैद, मैं बे-कैद मैं बेकैद1 , मैं बेकैद , ना रोगी ना वैद । ना मैं मोमन ना मैं काफर , ना मुल्लाँ ना सैद । चौहदीं तबकीं2 सैर असाडा , किते ना होवाँ कैद । खराबात3 में जात असाड़ी , ना शोभा ना ऐब । बुल्ला सहु दी जात पुछनै , पै करे नपैद4
panjabi-pan
पाती किशन चन्द की आई पाती किशन चन्द की आई , छाती से चिपकाई । हातनहात लै गोपिन नैं , राधा जुबै गुवाई । परी देय में फिर से स्वाँसा , मरी खाल जी आई । अब हम पै भगवत भए सूदे । ऊधौ जू की ल्याई । समाचार लिख दये ईसुरी , सबने बाँच सुनाई ।
bundeli-bns
मोर झूल तरी गेंदा बाग बगीचा दिखे ल हरियर , बाग बगीचा दिखे ल हरियर दुरूग वाला नई दिखे बदे हव नरियर मोर झूल तरी मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा नरवा मा अगोर लेइबे ना चांदी के मुँदरी किनारी कर ले चांदी के मुँदरी किनारी कर ले मैं ह रइथव दुरूग में चिनहारी कर ले मोर झूल तरी मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा नरवा मा अगोर लेइबे वो पीपर पाना डोलत नइये पीपर पाना डोलत नइये का होगे टुरी ल बोलत नइये मोर झूल तरी मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा नरवा मा अगोर लेइबे वो नवा सड़कीया रेंगे ल मैना , नवा सड़कीया रेंगे ल मैना चार दिन के अवईया लगाये महीना मोर झूल तरी मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा नरवा मा अगोर लेइबे गा पांच के लगइया पचीस लग जाए पांच के लगइया पचीस लग जाए बिना लेगे नई छोड़व पुलिस लग जाए वो मोर झूल तरी मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा नरवा मा अगोर लेइबे वो गाय चराये हियाव करिले गाय चराये हियाव करिले दोस्ती मा मजा नईये बिहाव करले मोर झूल तरी मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा नरवा मा अगोर लेइबे गा
chhattisgarhi-hne
हम त माँगली आजन बाजन हम त माँगली आजन बाजन , सिंघा1 काहे लाया रे । परिछन के बेरिया2 बनूक3 काहे लाया रे ॥ 1 ॥ हम त मँगली हाथी घोड़ा , मोटर काहे लाया रे । भोंपू भोंपू मोटर बोले , कान घबराया रे ॥ 2 ॥ हम त रहली दुलहा परिछत , जियरा ललचाया रे । घुर फुर कर गोला छोड़े , जियरा घबराया रे ॥ 3 ॥ परिछन के बेरिया पिहतौल4 काहे लाया रे । लाजो न लागे समधी , नाम को हँसाया रे ॥ 4 ॥
magahi-mag
विवाह गीत लाड़ि तुखे गुबर हेड़ाउं वो , पिपर्यापाणी मा । लाड़ि तुखे पाणी भराउं वो , पिपर्यापाणी मा । लाड़ि तुखे रूटा कराउं वो पिपर्यापाणी मा । लाड़ि तुखे घटी दलाउं वो , पिपर्यापाणी मा । निहिं दले ते लाते उरी ने , लाते परी कराउं वो , पिपर्यापाणी मा । डालि तुखे फाटा विछाडु वो , पिपर्यापाणी मा । लाड़ि तुखे कांटा विछाड़ु वो , मुहड़ा वाला खेत मा । लाड़ि तुखे दगड़ा विछाडु़ वो , टेमरा वाला खेत मा । दुल्हन को गीत में कहा है कि तुझसे ढोरों का गोबर फिकवायेंगे , पिपर्या पानी गाँव में । इसी प्राकर पानी भरवायेंगे , रोटी करवायेंगे , घट्टी चलवायेंगे , नहीं पीसेगी तो लात से इधर और उधर करवायेंगे । तुझसे कचरा खेत में चुनवायेंगे , महुए वाले खेत में काँटा चुनवायेंगे । टेमरू वाले खेत में पत्थर बिनवायेंगे ।
bhili-bhb
बर के गोदे झूलती रे बिटाऊ ढोला सात सहेलिन बीच बर के गोदे झूलती रे बिटाऊ ढोला सात सहेलिन बीच सातुन के मुख ऊजरे मेरी डाबर नैनी त्यारों मैलो क्यों भेख सातुन के ढोला घर रहे रे बिटाऊ ढोला हमरे गये परदेस संग चलो ते ले चलून मेरी डाबर नैनी चलो न हमारे साथ सोने सूं कर दूं पीयरी मेरी डाबर नैनी चांदी सेत सपेत आग लगाऊं तेरी पीयरी रे बिटाऊ ढोला मौछन बड़ो अंगार डाढी तो जराऊं तेरे बाप की रे बिटाऊ ढोला जरी जाइयो सेत सपेत उन पीयन की हम गोरड़ी रे बिटाऊ ढोला तुम से भरें कहार एक बिटाऊ ढोला यूं कहै मेरी सासुल रानी चलो न हामरे साथ कैसे तो बिन के कापरे मेरी बहुअल रानी कैसे सुरत उनिहार धौरे ते बिन के कापरे मेरी सासुल रानी लौहरे देवर उनिहार वेही तुम्हारे साहबा मेरी बहुअल रानी गई क्यूं ना बिन के साथ भाजूं तो पहुंचूं नहीं मेरी सासुल रानी हेला देते आवै लाज
haryanvi-bgc
तनि एक अइपन लिखलूँ हम कोहबर तनि एक1 अइपन2 लिखलूँ हम कोहबर । 3 ताहि पइसी4 सुतलन5 दुलहा दुलरइता दुलहा । जबरे6 दुलहिनियाँ सुघइ7 साथे हे हरी । लिखलूँ हम कोहबर8 मनचित लाय हे हरी ॥ 1 ॥ एक पहर बितलइ , दोसर पहर बितलइ हे । भे गेलइ9 फरिछ10 बिहान11 सुरुज किरिन छिटकल हे हरी ॥ 2 ॥ दादी जे पइसी कोहबर दुलहा जगावे हे । भे गेलो फरिछ बिहान , सुरुज किरिन छिटकल हे हरी ॥ 3 ॥ उठि उठि जगबथि राम के सीता देइ हे । उठूँ परभु12 भे गेलो बिहान , उठहुँ परभु कोहबर हे हरी ॥ 4 ॥ हम तोहिं पूछूँ हे सीता देइ दुलहिन हे । कइसे चिन्हलऽ13 भे गेलो बिहान , कहहु सिरी राम हे हरी ॥ 7 ॥ भेल फरिछ परभु , कउआ14 डार बोले जी । गउआ दुहन घर घर आवे , सुनहु मोर सामी हे हरी ॥ 6 ॥ मोर माँगे मोतिया सभ परभु बदरंगे भेल । एही से15 चिन्हलूँ भेल बिहान , उठहु रघुनन्नन हे हरी ॥ 7 ॥
magahi-mag
बहै छै पुरबा झिलमिल बहै छै पुरबा झिलमिल हे कोसी माय पछिया बहै छै मधुर अँगना में कुँइयाँ खनाय दियौ माय कोसिका बाँटि दियौ रेशम के डोर झट से अगिया मँगाय दियो कोसी माय भैरब भैया भुखलो न जाय साठी धान कुटि के भातबा रान्हलियै अरहरमुँगिया के केलौं दालि जीमय ले बैठलै भैरब छोट भैया बहिन कोसिका बेनिया डोलाय बेनिया डोलाबैत चुबै छै पसीना नैना से ढरे मोती लोर जनु कानुखिझु बहिन हे कोसिका तोरो ले डोलिया हे बनायब घर पछुअरबा में बसै छै कहरबा कोसिका झलकैत जेती ससुरारि ।
angika-anp
183 खेड़यां साहा कढाएया बेहमनां तों भला थित महूरत ते वार मियां नावीं सावनों रात सी वीर वारी लिख घलया एह दिन वार मियां पहर रात नूं आन नकाह लैना ढिल लावनी ना जिनहार1 मियां उत्थे खेड़यां पुज समान कीता होये सियाल वी तुरत नयार मियां वारस शाह सरबालड़ा नाल होया हथ तीर गानाते तलवार मियां
panjabi-pan
भूली औ भुली1 तू आज मिलिले , मैं छ जाणू दूर तेरो , ऐ2 नि सकदो यख कभी , फिर छोड़ियाले आज डेरो । ऐ गये मौका इनू यो , एक पल भी टल नि सकदो , रुकण को भी क्वी बहानो , द्वी घड़ी को चल नि सकदो । 2 . पीठि को फाडो3 तेरो यो , दूर त्वै4 से आज ह्वैगे , मोहममता छोड़िकी तैं , जाणकू तैयार ह्वैगे । भेंटिले कुछ बोलिले , जो कुछ छ मन की बात तेरी , रै5 जाली कुछ ही दिनूँ मा , आखिरी या याद मेरी । 3 . हौर6 छै छन भै7 त्यरा भुलि , मैं सनैं8 तू भूलि जाई , याद कै9 कै की बणू मा , ना खुदै10 की गीत गाई । भै औला त्वै मू सदा ही , रीत भी त्वै सन जणाला , मैत11 को बाटो बताला , सब तरह त्वै सन12 मनाला । 4 . ये भयादूजी कु13 तैं तू , ल्हे फुलों माला बणैकी , भेटदे सब भाइयों सन , सैंद्वाणी14 अपणी बणैकी । राखड़ी त्योहार आलो , अब आली होलीदीवाली , औन्दु रै तू मैत अपणा , जाण ना दे बार खाली । 5 . हौर सब मैं भूलि जाला , माँ त नी सकदी भुलाई , माँ सणै15 तू भूलि की भी , याद ना मेरी दिलाई । ह्वै सको धीरज बँधाई , प्राण सन वीं का बुझाई , बात करदी वक्त रोकी मन , ना तू आँसू बगाई ।
garhwali-gbm
सब दिन होत न एक समाना सब दिन होत न एक समाना एक दिन राजा हरिश्चन्द्र गृह कंचन भरे खजाना एक दिन भरे डोम घर पानी मरघट गहे निशाना सब दिन . . . . एक दिन राजा रामचन्द्र जी , चढ़ के जात विमाना जी एक दिन उनका वनवास भयो दशरथ तजे प्राणा साधु सब . . . . एक दिन अर्जुन महाभारत में , जीते इन्द्र समाना जी एक दिन भीलन लुटी गोपिका वही अर्जुन वही बाणा . . . . एक दिन बालक भयो गोदीया मा एक दिन भयो सयाना एक दिन चिता जरे मरघट पे धुआं जात असमाना . . . . कहत कबीर सुनेउ भाई साधो यह पद हे निर्वाणा यह पद का जो अर्थ लगइहें होनहार बलवाना , सब दिन . . .
bhojpuri-bho
मलिया के अँगनवाँ चननवाँ केरा गाछ मलिया के अँगनवाँ चननवाँ केरा गाछ1 । ताहि तर2 सुगवा3 सगुनवा4 ले ले ठाढ़ ॥ 1 ॥ पहिला सगुनवाँ माइ हे , मलिया के देल । सोने के मउरिया5 लाइ मड़वा धराय ॥ 2 ॥ दूसरे सगुनवाँ माइ हे , कुम्हरा6 के देल । सोने के कलसवा लाइ मड़वा धराय ॥ 3 ॥ तीसरे सगुनवाँ माइ हे , बम्हनवाँ के देल । सोने के पतरबा7 लाइ मड़वा धराय ॥ 4 ॥ चउथे8 सगुनवाँ माइ हे , बेटी के बाबा के देल । अपनी दुलहिनियाँ आनि चउका बइठाय ॥ 5 ॥ पँचवाँ सगुनवाँ माइ हे , बेटा के बाबा के देल । अपन दुलहवा आनि चउका बइठाय ॥ 6 ॥ गरजे लागल कारी बदरिया , बरसे लागल मेघ । भीजे लागल दुलहा दुलहिन , जोड़ले सनेह9 ॥ 7 ॥ दुलहिन पुछये दुलहवा साधु10 बात । कइसेकइसे11 सजल12 जी परभु अपन बरियात13 ॥ 8 ॥ धोयले धोयले कपड़ा रँगलरँगल दाँत । छयले छयले गभरू14 सजल बरियात ॥ 9 ॥ दुलहा जे पूछये दुलहिनियाँ साधु बात । कइसे कइसे सीखल धानि राम रसोई15 ॥ 10 ॥ बतिसो हँड़ियवा जी परभू , छप्पन परकार । बाबा घरे सिखली जी परभू राम के रसोई ।
magahi-mag
10 बाप करे पयार ते भाई वैरी डर बाप दे हथों पये संगदे ने गुझे मेहणे मारदे सप वांगूं उसदे कालजे नूं पये डंगदे ने कोई वस ना लगदा कड छडन देंदे मेहणे रंग बरंग दे ने वारस शाह एह गरज है बहुत पयारी होर साक ना सैन ना अंग दे ने
panjabi-pan
भीलट देव- ऊँचो माळो भीलट देव डगमाळ , टोंगल्यो बूड़न्ती ज्वार । । काचा सूत की भीलट देव की गोफण , मालू राणी होर्या टोवण जाई । । हरमीधरमी का होर्या उड़ी जाजो , न पापी को खाजो सगळो खेत । । भीलट देव का महल ऊँचा है , ज्वार घुटने के ऊपर तक है । काचा सूत की भीलट देव की गोफण बनाई । मालू की रानी तोते उड़ाने जाती हैं । धरमी का खेत छोड़ देना और पापी का पूरा खेत चुग जाना । भीलट देव की पत्नी मालू रानी माना है ।
bhili-bhb
नहडोरी 1 दाबे बर ले दे दाई खांडे तलवारे घामे बर छतरी तनाय कोन गांव ला टोरंव दाई कोन गांव ला फोरंव कोन गांव ले लानों बिहाय रायपुर ला टोरंव रायगढ़ ला फोरंव नवागढ़ ले लानों बिहाय चढ़त बेरा धरम के उतरत बेरा लगिन के धरम धरम जस ले ले फेर धरम नइ मिले 2 नहडोरी के एक गीत ‘दे तो दाई अस्सी ओ रुपइया’ ये गीत ल अलगअलग जगा म अलगअलग गावत सुने ला मिल जाथे । ये गीत ह दाई अउ बेटा के बातचीत के रूप म हे जेमां बेटा ह दाई कर बिहाव बर रुपया मांगथे । जैसे कि कुछ जगा म गाये जाथे … दे तो दाई दे तो दाई अस्सी ओ रुपइया सुन्दरी ला लातेंव मंय बिहाये ओ दाई सुन्दरीसुन्दरी बाबू तुम झन रटिहौ गा सुन्दरी के देश बड़ा दूरै रे भइया तोर बर लाहवं दाई रंधनी परोसनी ओ मोर बर घर के सिंगार ओ दाई गोड़े बर रुपमुचा पनही छांव बर छतरी तनाय , हांहां जी चले जाबो सुन्दरी बिहाव लाये बर देबे इक तलवारी चढ़ेबर लीली हंस घोरी , हां हां जी चले जाबो सुन्दरी बिहाय अउ कुछ जगा म गाये जाथे … दे तो दाई दे तो दाई अस्सी ओ रुपैया सुन्दरी ला लातेंव बिहाय सुन्दरी सुन्दरी रटन धरे बाबू सुन्दरी के देस बड़ दूर तोर बर लनिहों दाई रंधनि परोसनि मोर बर घर के सिंगार पांव बर ले दे दाई रुचमुच पनही चढ़े बर दे दे लिलि हंसा घोड़ा भूख बर जोर दे दाई भुखहा कलेवना प्यास बर गंगा जल 3 देतो देतो दाई अस्सी वो रुपैया के सुंदरी ला लातेंव वो बिहाय कि अवो दाई सुंदरी ला लातेंव वो बिहाय सुंदरी सुंदरी बाबू तुम झन रटिहव के सुंदरी के देस बड़ा दूर कि अग बाबू सुंदरी के देस बड़ा दूर मोर बर लाबे बेटा रंधनी परोसनी के तोर बर घर के सिंगार कि अग बेटा तोर बर घर के सिंगार तैं तो हाबस दाई बड़ा वो अबुधनिन के मांगत हस दूध के तैं मोल कि अवो दाई मांगत हस दूध के तैं मोल तोर बर लानिहंव दाई पानी भरईया के मोर बर घर के सिंगार कि अवो दाई मोर बर घर के सिंगार पांव बर लेते दाई बजनी वो पनही के चढ़े बर लीली हंसा घोड़ा कि अवो दाई चढ़े बर लिलि हंसा घोड़ा
chhattisgarhi-hne
हमरा चान लागे लू तू देख जनि चान , हमरा चान लागे लू । मचा देबू कहियो तूफान लागे लू । मत करिह सिंगार , मिली ओरहन हजार तोहके देखे खातिर मेला में हो जायी मार रूप के तू बड़हन दुकान लागे लू । केहू आपन दौलत करेला निछावुर सुधबुध केहू खो के बनि जाना बाउर तूर देबू सबकर गुमान लागू लू । हंसि हंसि के जन आज बिजुरी गिराव अभिज्ञात जी के जनि पागल बनाव अंगड़ाई ले लू कमान लागे लू ।
bhojpuri-bho
एमन समाज कबे गो सृजन हबे (बाउल) एमन समाज कबे गो सृजन हबे ये दिन हिन्दुमुसलमान बौद्धखृष्टान जातिगोत्र नाहि रबे । शोनाय लोभेर बुलि नेबे ना केओ काँधेर झुलि , इतर आतरफ बलि दुरे ठेले ना देबे । । आमिर फकीर हये एक ठाँइ सबार पाओना पाबे सबाइ , आशरफ बलिया रेहाइ , भवे केओ येनाहि पाबे । । धर्मकुलगोत्रजातिर , तुलबे ना गो जिगिर , केंदे बले लालन फकिर केबा देखाये देबे ।
bengali-ben
टोकणी पीतल की रे टोकणी पीतल की रे रोहतक तै मोल मंगाई ईठवां जाली का मैंने उसपै दोगढ़ जचाई छेल तराइये ओ तेरी हूर लरजदी आई घर ने मत आइए तेरा आ रा सुभे सिंघ भाई इतनी सी सुन कै हो सासड़ ने नणद दौड़ाई पाणी के म्हारे रिते पड़े तेरा मरियो सुबेसिंघ भाई नणद चाली गाल मत दे सूबेसिंघ की के लगै सै लुगाई
haryanvi-bgc
शुक्र को तारो रे ईश्वर उंगी रह्यो शुक्र को तारो रे ईश्वर उंगी रह्यो । तेकी मखऽ टीकी घड़ाव । । धु्रव की बादळई रे ईश्वर तुली रही । तेकी मखऽ तहबोळ रंगाव । । सरग की बिजळई रे ईश्वर कड़की रही । तेकी मखऽ मगजी लगाव । । नव लख तारा रे ईश्वर चमकी रह्या । तेकी मखऽ अंगिया सिलाव । । चाँदसूरज रे ईश्वर उग्री रह्या । तेकी मखऽ टीकी लगाव । । वासुकी नाग रे ईश्वर देखई रह्यो । तेकी मखऽ एणी गुथाव । । बड़ी हठ वाळई रे , गौरलगोरड़ी । ।
nimadi-noe
हो दिल्ली में बिक रही छींट हो दिल्ली में बिक रही छींट छींट लेते आइयो मेरठ में चलै मसीन वहीं सिलवाइयो रास्ते में म्हारा गाम वहीं डट जाइयो मेरा बाबा काढ़ै धार , नमस्ते करियो मेरी अम्मा फेरे हाथ नीचे को नव जाइयो मेरी भाभी की बजनी टूम बिदक मत जाइयो
haryanvi-bgc
होली खेलू आज किसन होली खेलूं आज किसन , प्यारे होली खेलूं । आवत महल तुम्हें गह लूंगी सगले सखन से कर न्यारे । होली . . . लेहों काड़ कसर पिया सगरी बन प्रमोद तुमने रंग डारे । होली . . . देखों लाल आज तुम कैसे रसिया अजब बने बारे । होली . . . राधा दुलारी जान नें पावें रसिया अजब बने न्यारे ।
bundeli-bns
लाल-लाल ओढ़नी माय सोना रा तार लाललाल ओढ़नी माय सोना रा तार लाल बजावे बांसरी , नौ दुर्गा खेले छन्द छन्दगाली रा नेवर बाजण्या रे माय पावाँ में बिछिया सोवे ताप माय थारा अनबट से लागी रयो बाद नखराली रा नेवर बाजण्या ऐ माय थारी नोगरी से लागी रयो बाद छन्दगाली रा नेवर बाजण्या ऐ माय थारे वैयां ने बाजूबन्द सोवत ऐ माय थारा भुजबन्द से लागी रयो बाद नखराली रा नेवर बाजण्या हो माय थारा गला में गलूबन्द सोवत ए माय थारी माला से लागी रयो बाद छन्दगाली रा नेवर बाजण्या हो माया थारा काना में झुमका सोवता ए माय थारा काँटा से लागी रयो बाद थारा मुखड़ा ने बेसर सोवता ए माय थारा टीका से लागी रयो बाद थारा अँगन सालू सोवता ए माय थारी ओढ़नी से लागी रयो बाद छन्दगाली रा नेवर बाजण्या हो माय
malvi-mup
हम नहीं पूजबइ बरहिया, भइया नहीं अयलन हे हम नहीं पूजबइ1 बरहिया , 2 भइया नहीं अयलन हे ॥ 1 ॥ अँगना बहारइत चेरिया त सुनहऽ बचन मोरा हे । चेरिया , देखि आवऽ हमरो बीरन भइया , कहुँ चलि आवत हे ॥ 2 ॥ दूरहिं घोड़ा हिंहिंआयल , 3 पोखरिया4 घहरायल5 हे । गली गली इतर6 धमकी गेल , 7 भइया मोरा आयल हे ॥ 3 ॥ मचिा बइठल तोहें सासुजी , सुनहऽ बचन मोरा हे । अब हम पूजबो बरहिया , भइया मोर आयल हे ॥ 4 ॥ सासुजी , कहँमाहि8 धरियई9 दउरिया , 10 कहाँ रे ई11 सोठाउर12 हे । सासुजी , कहाँ बइठइअइ13 बीरन भइया , देखतो सोहावन हे ॥ 5 ॥ कोठी14 काँधे रखिहऽ दउरिया , कोठिल15 बीच सोठाउर हे । बहुआ अँचरे16 बइठइहऽ बीरन भइया , देखत सोहावन हे ॥ 6 ॥ ओहरी17 बइठल दुलरइतिन ननदो , मुँह चमकावल हे । जे कछु कोठिया के झारन , 18 अँगना के बाढ़न19 हे । भउजी सेहे लेके अयलन बीरन भइया , देखते गिलटावन20 हे ॥ 7 ॥
magahi-mag
मिलकें रजऊ बिछुर जिन जाऔ मिलकें रजऊ बिछुर जिन जाऔ , पापी प्रान जियाऔ । जब सें चरचा भई जावे कीं , टूटन लगों हियाऔ । अँसुआ चुअत जात नैनन सौं रजऊ पोंछ लो आऔ । ईसुर कात तुमाये संगै , मेरौ भऔ बियाऔ ।
bundeli-bns
कउन बन उपजे हे नरियर, कउन बन उपजे अनार हे कउन1 बन उपजे2 हे नरियर , कउन बन उपजे अनार हे । ललना , कउन बन उपजे गुलाब , तो चुनरी रँगायब हे ॥ 1 ॥ बाबा बन उपजे हे नरियर , भइया बन अनार हे । ललना , सामी3 बन उपजे गुलाब , त चुनरी रँगायब हे ॥ 2 ॥ से चुनरी पेन्हथिन4 सुगही , 5 दुलरइतिन6 सुगही हे । ललना , पेन्हिए चललन पानी लावे , चुकवन7 पानी भरे हे ॥ 3 ॥ बटियन8 पूछऽ हे बटोहिया , त कुआँ पनिहारिन हे । ललना , केकर हहु तोंहि बारीभोरी , 9 कउन भइया के दुलारी हे । ललना कउन पुरुसवा के नारी , त चुकवा लेइ पानी भरे हे ॥ 4 ॥ बाबा के हम हीअइ10 बारी , 11 त भइया के दुलारी हे । ललना , सामी जी के अलप12 सुकुमारि , चुकवा सन13 पानी भरी हे ॥ 5 ॥ मचिया बइठल तुहूँ सासुजी , सुनहऽ बचन मोरा हे । ललना , रहिया में मिलल एक रजवा14 त बदन निहारइ हे । ललना , बोले लगल बचन कुबोल , 15 करे लगल हाँसी हे ॥ 6 ॥ कइसन16 हइ उजे17 रजवा , कइसन रँग हाथी हे । ललना , कइसन हकइ18 महाउत , 19 कहि समुझावहु हे ॥ 7 ॥ करिया रंग के हथिया से गोरे महाउत हे । ललना , सुन्नर बदन के जे रजवा से बदन निहारइ हे ॥ 8 ॥ हँसिहँसि बोलथिन20 सासुजी , तुहूँ बहू बोदिल21 हे । ललना , रजवा हकइ मोर बेटवा , आयल परदेश करि हे । ललना , दुअरे बाँधल हकइ हथिया , तोहर परभु आयल हे ॥ 9 ॥
magahi-mag
माता समुन्दर की झबर सुहाणी लागऽ हो माता समुन्दर की झबर सुहाणी लागऽ हो । माता झबर झबर रथ हिलोळा लेय , रत्नाकर अम्बो मौरियो । माता रथ मऽ सी राणी रनुबाई काई बोलऽ माता कुणऽ म्हारो आणो लई जाय माता दूर का अमुक भाई मानवी हो माता ऊ तुम्हारो आणो लई जाय माता सुन्दर की झबर सुहाणी लागऽ हो । ।
nimadi-noe
रिमझिम-रिमझिम मेहा बरसे रिमझिमरिमझिम मेहा बरसे , काळा बादळ छाया रे पिया सूं मलबां गांव चली , म्हारे पग में पड ग्या छाला रे रिमझिम . . . भरी ज्वानी म्हांने छोड गया क्यूं , जोबन का रखवाला रे सोलह बरस की रही कुंवारी , अब तो कर मुकलावां रे रिमझिम . . . घणी र दूर सूं आई सजनवां , थांसू मिलवा रातां रे हाथ पकड म्हांने निकां बिठाया , कान में कर गया बातां रे रिमझिम . . .
rajasthani-raj
292 घर आ ननाण ने गल कीती भाबी इक जोगी नवां आया नी कन्नी ओसदे दरशनी मुंदरां ने गल मेखला1 अजब सहाया नी फिरे ढूंढ़दा विच वेलीयां दे कोई ओसने लाल गवाया नी नाले गांवदा ते नाले रोंवदा ए वडा ओसने रंग मचाया नी हीरे किसे रजवंस2 दा ओह पुतर रूप तुध थीं दून सवाया नी विच त्रिंजणां गाउंदा फिरे भौंदा अंत उसदा किसे ना पाया नी फिरे वेखदा वौहटियां छैल3 कुड़ियां मन किसे ते नांह भरमाया नी काई आखदी प्रेम दी चाट लगी ताहिओं उसने सीस मुनाया नी कहन तखत हजारे दा एह जोगी बाल नाथ तों जोग लिआया नी वारस शाह एह फकर तां नहीं जोगी हीर वासते कन पढ़ाया नी
panjabi-pan
ऐ महादेव जा ऐ महादेव ऐ महादेव जा ऐ महादेव महादेव म्याका राठो बावन दरवाजा बावन कोरा आरुकेन जा महादेव रे हे गोरा रे हे गोरा आमानी डो ऊवा गोपटी टेन बावन दरवाजा बावान कोटा जुकड़ी की डो गोरा बोले हे महादेव ऐ महादेव चोजा सन्टी बावन कोटा बावन दरवाजा जुकड़ी ऐ जा महादेव रे स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल
korku-kfq
लीली घोड़ी अंबे का असवार लीली घोड़ी अंबे का असवार आगेआगे फलाणा राम प्यादा जाय हमखे निवारो देवी पागनिवार संतन निवारो देवी दुर्गा माय लाल घोड़ी अंबे का असवार आगेआगे फलाणा राम प्यादा जाय हमखे निवारो देवी पागनिवार संतन निवारो देवी दुर्गा माय
malvi-mup
वे तो साला बेणोई दोई बागां में जाय वे तो साला बेणोई दोई बागां में जाय वे तो पाटे नी चाले जमई जी ऊबट रस्ते जाय जमई खे कांटो भाग्यो जाय साला पूछे बेणोई अब कैसो हो बनी साला अब तो हमारा प्यारा जीव की पड़ी वे तो साला बेणोई दोई दातण करने जाय वे तो दातण नी तोड़े जमई जी डाल मरोड़े जाय जमई जी उलझयाउलझया जाय साला पूछे बेणोई कैसी हो बणी साला अब तो हमारा प्यारा जीव की पड़ी वे तो न्हाई नी जाये जमई जी ऊँडा गीता खाय साला पूछे बेणोई कैसी हो बणी साला अब तो हमारा प्यारा जीव की पड़ी वे तो साला बेनाई दोई नीम वा ने जाय वे तो जीयी नी जाय जमई जी आखा लाडू खाय साला पूछे बेणोई कैसी हो बणी साला अब तो हमारा प्यारा जीव की पड़ी ।
malvi-mup
टोकणी पीतल की कुआं का रे जल भर लाई टोकणी पीतल की कुआं का रे जल भर लाई छेल मनै तरवा दे रंडवे की नजर ने खाई नार तोहे बरजै मत घालै सुरमा स्याही बैंत तोहे मारूं दगड़े में हंसती आई मेरो कोई दोष नहीं वहां ठाडी चार लुगाई जेठ मेरो न्यूं बोल्यो रे क्यों मारै छेल कसाई देवर मेरो न्यूं बोल्यो या कि निकलन दे गुमराही ननद मेरी न्यूं बोली या बिगडद्ये घर की आई देवरानी मेरी न्यूं बोली तेरे तड़के ल्याऊं सगाई पड़ौसिन मेरी न्यूं बोली मैं खुद ल्या दूं मां जाई जेठाणी मेरी न्यूं बोली मुट्ठी में धरी लुगाई
haryanvi-bgc
तोय राखूँगी भवन रखवारौ लाँगुरिया तोय राखूँगी भवन रखबारौ ॥ टेक ॥ जा दिन लाँगुर तैने जन्म लियौ है , पर्वत पै बजौ है नगारौ ॥ लाँगुरिया तोय . जा दिन लाँगुर मैंने गोद रे धारो , और कच्चे दूधन पारौ ॥ लाँगुरिया तोय . जा दिन लाँगुर तैनें होश है सँभारो जयजय मात उचारौ ॥ लाँगुरिया तोय . जा दिन लाँगुर तैनें खेल खिलायौ , मैंया ने नाच रचाओ ॥ लाँगुरिया तोय . जा दिन व्यास तेरे दरश करेगो , वा दिन होय निस्तारो ॥ लाँगुरिया तोय .
braj-bra
गांधी का फोटू खिंचा है सांवरिआ गांधी का फोटू खिंचा है सांवरिआ मेरे सुसर जी का स्योने का बंगला डाका पड़ै लुट जाय हो सांवरिया गांधी जी का फोटू . . . मेरे जेठ जी का काठ का बंगला आग लगे जल जो हो सांवरिया गांधी जी का फोटू . . . मेरे देवर जी का कागज का बंगला हवा लगे उड़ जाय हो सांवरिया गांधी जी का फोटू . . . मेरे कन्थ जी का पान्नां का बंगला दोन्नू रल मिल हवा खंय हो सांवरिया गांधी जी का फोटू . . .
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मेरे तो पीर उठे ननदी हँसत फिरे मेरे तो पीर उठे ननदी हँसत फिरे ॥ 1 ॥ बाहर बैठे ससुर हमारे , ससुर , तोरे पइयाँ पडूँ । ननदी बिदा करो , झलाही1 बिदा करो ॥ 2 ॥ बाहरे बैठे भैंसुर2 हमारे , भैंसुर तोरे पइयाँ पडूँ । ननदी बिदा करो , झलाही बिदा करो ॥ 3 ॥ बाहर बैठे सइयाँ हमारे , सइयाँ तोरे पइयाँ पडूँ । ननदी बिदा करो , झलाही बिदा करो ॥ 4 ॥ कंगन सोनार घरे , चुनरी रँगरेज घरे । गंगा जमुना बाढ़ आई , कैसे बिदा करूँ ॥ 5 ॥ मेरे से कंगन ले लो , मेरे से चुंदरी ले लो । नइया चढ़ा ननदी बिदा करो ॥ 6 ॥
magahi-mag
बोये चले थे भंवर जी पीपली बोये चले थे भंवर जी पीपली हांजी कोए हो गई घुमर घुमेर बैठण की रुत चाले चाकरी
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विवाह गीत काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रात मा बुले । काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रात मा बुले । महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , फुइ करतेक आवे । महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , फुइ करतेक आवे । काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रात मा बुले । महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , फुवो करतेक आवे । महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , फुवो करतेक आवे । काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रावला मा बुले ॥ महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , मामा करतेक आवे । महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , मामा करतेक आवे । काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रावला मा बुले ॥ महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , मामी करतेक आवे । महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , मामी करतेक आवे । काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रावला मा बुले ॥ महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , बईं करतेक आवे । महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , बईं करतेक आवे । काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रावला मा बुले ॥ महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , बणवि करतेक आवे । महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , बणवि करतेक आवे । काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रावला मा बुले ॥ लड़की के ब्याह में महिलाएँ काली चिड़िया को सम्बोधित करते हुए गीत में कह रही हैं कि हे काली चिड़िया तू देव चिड़िया है और रावले में बोल रही है । महल पर चढ़कर बनी रास्ता देख रही है और चिड़िया से पूछती है कि मेरी बुआ कितनी दूरी पर आ रही है । इसी प्रकार आगे फूफा , बहनबहनोई , मामामामी का नाम लेकर गीत को गाया जाता है । मेहमानों के आने की प्रतीक्षा बनी कर रही है ।
bhili-bhb
डुबली खूटूबा आथाटेन ऊखू केन जा आबा डुबली खूटूबा आथाटेन ऊखू केन जा आबा डुबली खूटूबा आथाटेन ऊखू केन जा आबा चुरुटेन भी डा डो भानी टेन भी जोम डो चुरुटेन भी डा डो भानी टेन भी जोम डो सेने डो बाई आमा खूंजकार केन डा बारेन ईडिये सेने डो बाई आमा खूंजकार केन डा बारेन ईडिये भानी टेन भी जोम डो चुरुटेन भी डाडी भानी टेन भी जोम डो चुरुटेन भी डाडी सेने डो बाई आमा खूंजकार केन आटा बारेन ईडिये सेने डो बाई आमा खूंजकार केन आटा बारेन ईडिये खुला एन टेन हिगरायन खुला एन टेन हिगरायन बाना एन टेन हिगरायन बाना एन टेन हिगरायन सेने डो बाई आमा खूंजकार केन सेने डो बाई आमा खूंजकार केन आटो बारेन ईडिये आटो बारेन ईडिये स्रोत व्यक्ति गुलाबी बाई और लक्ष्मण पर्ते , ग्राम मुरलीखेड़ा
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लागल करेजवा में गोली हो, सुनि कोइलर के बोली लागल करेजवा में गोली हो , सुनि कोइलर के बोली । । टेक । । छलकि छलकि जाला रस के गगरिया । चलल दुलुम भइले रहिया डगरिया । जहें तहें करेला ठिठोली हो , नवछटियन के टोली । । टेक । । भरिभरि के मारे देवरा फिचुकारी । भींजि के लथपथ हो गइले सारी । मसकि गइल हमार चोली हो , कइसे खेलीं होली । । टेक । । झिरीझिरी बहेला बेयार मधुआइल । कुफुरेला जीव मोर पियवा न आइल । दुअरा लगाइल केहू डोली हो , जइसे उड़नखटोली । । टेक । । कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से
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टुटली मैं फटली मड़इआ देखते भेयामन हे टुटली मैं फटली मड़इआ1 देखते भेयामन2 हे । सेहु3 पइसी सुतली गउरा देइ , मन पछतावे हे ॥ 1 ॥ माँगि चाँगि4 लावल5 महादेव , धन बित6 छरिआ7 हे । बाघेछाल देल ओछाइ8 बसहा धान खाइल9 हे ॥ 2 ॥ नहाइ धोवाइ महादेव चउका चढ़ि बइठल हे । अधन10 देली ढरकाइ11 बिहँसि गउरा बोलथिन हे ॥ 3 ॥ सब केर देलहो महादेव , धन बित छड़िया हे । अपना जगतर12 भिखारी , पइँचो13 न मिलत हे । ऐसन नगरिया के लोग , पइँचो न देहइ14 हे ॥ 4 ॥
magahi-mag
पातल सिवने बाला पातल सिवने बाला पातल सिवने बाला खिचडा पूजन बाला खिचडा पूजन बाला हल्दी पूजन बाला हल्दी पूजन बाला चावल जा सिलने बाला ना चावल जा सिलने बाला ना खिचडा गिनाई सौ खिचडा खिचडा गिनाई सौ खिचडा जो पूजन वाला गिनाई जो पूजन वाला गिनाई सौ आमा डेई नी सौ आमा डेई नी खिचडा जिलामेन जा खिचडा जिलामेन जा स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल
korku-kfq
रुकुमिनी लिपी अईली पोति अईली रुकुमिनी लिपी अईली पोति अईली छतीस दियना बारि अईली हो आरे बीनू रे होरील के ओबरिया त झहर झहर करे एक रे पहर रुकुमिनी सूतेली सपन एक देखेली हो आरे पांचही आम के घवदिया खोईन्छा कहू डालेला दूसरा पहर रुकुमिनी सूतली त सपन एक देखेली हो आरे कोरी नदीयवा के दहिया जंगलवा कहू धईल तीसरा पहर रुकुमिनी सूतेली सपन एक देखेली आरे लाल बरन के घुनघुनावान सेजीयावा पर धईल . चौथा पहर रुकुमिनी सूतेली सपन एक देखेली हो आरे सावरेन वरन के होरीलवा सेजीयवा पर खेलेला हो
bhojpuri-bho
गंगा असननियाँ चललन दुलरइता दुलहा हे बाबा फुलवरिया लवँग1 केर गछिया , अरे दह2 । जुहिया फुलल कचनरिया , अरे दह ॥ 1 ॥ घोड़वा चढ़ल आवइ दुलहा दुलरइता दुलहा , अरे दह । कते3 दूर हइ4 ससुररिया , अरे दह । कइसन हइ दुलहिनियाँ , अरे दह ॥ 2 ॥ धीरेबोलूँ , धीरे बोलूँ दुलहा दुलरइता दुलहा , अरे दह । नजिके5 बसहइ6 ससुररिया , अरे दह । काँच7 कली हइ दुलहिनियाँ , अरे दह ॥ 3 ॥
magahi-mag
बाजो अंग्रेजी चइए चीरा तो तम पेरो बनाजी पेंचा भोत हजाब बनाजी थारी बनड़ी हे नादान के बाजो अंग्रेजी चइए । बाजो अंग्रेजी चइए के पंखी खसखस को चइए झालर मखमल की चइए गोटा बंबई का चइए । डांडी सोना की चइए हो जी थारी बनड़ी हे नादान के बाजो अंग्रेजी चइए । बना म्हारा जामा तो तम पेरो के बाजो अंग्रेजी चइए । इसी तरह से जेवरों के नाम जोड़तेजोड़ते यह गीत लम्बा होता चला जाता है ।
malvi-mup
मनौती गीत श्री आंकार जी ऊँचो माळो डगमाळ टोंगलया बूड़न्ती जवार । । काचा सूत की ऊँकार देव की गोफण बणाई . . . । । हरमीधरमी का होर्याचिरल्या उड़ी जाजो , ने पापी को खाजो सगळो खेत । । ओंकारेश्वरजी का महल ऊँचा है और घुअने डूब जायें , उतनी बड़ी ज्वार है । कच्चे सूत की आंकारजी की गोफन बनाई । धर्मात्मा लोगों के खेतों के तोते उड़ जाना और पापी का सारा खेत चुग जाना ।
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अवध नगरिया से अयले बरियतिया हे अवध नगरिया से अयले बरियतिया हे । परिछन चलु मिली जुली साजु सब सखिया हे ॥ 1 ॥ साजी लेहु डाली डुली1 बारी लेहु2 बतिया3 हे । पान फूल दूध दही अछत भरी लुटिया4 हे ॥ 2 ॥ मकुनी5 जे हथिया के जरद6 अमरिया7 हे । ताही चढ़ी आवल हमर अलबेलवा हे ॥ 3 ॥ हथिया वो घोड़वा के बनवल हइ सिंगरबा8 हे । ताही चढ़ी चारो दुलहा सोभत असवरबा9 हे ॥ 4 ॥ जामा साजे जोड़ा साजे साजल गले हरवा हे । हथवा रूमाल सोभे माथे मनिन10 मउरिया हे ॥ 5 ॥ सासु के अँखियाँ लगल मधुमछिया11 हे । कइसे में परिछों दमाद अलबेलबा हे ॥ 6 ॥ आरती करइतो सुधि बुधि नहीं आवे हे । आनन्द मंगल तेही छन सब गावे हे ॥ 7 ॥ राम रूप छकिछकि पावे दरसनमा हे । उँटवा नगाड़ा बाजे बाजे सहनइया हे ॥ 8 ॥
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256 गैबत1 करन बेगानड़ी अत औगन सते आदमी एह गुनाहगार हुंदे चोर चुगल किरतघन ते झूठ बोले लूती लांवदे सतवां यार हुंदे असां जोग नूं नहीं गल पहन बहना तुसी कासनूं ऐडे बेजार हुंदे वारस जिन्हां उमैद ना तांघ काई कम्म तिन्हां दे आकबत2 पार हुंदे
panjabi-pan
काची करड़ नी गमरण बावड़ी काची करड़ नी गमरण बावड़ी लोंगा जड़ियो रे जड़ाव तांबा पीतला ना गमरण बेड़ला रेसम लाम्बी डोर बेड़लो मेल्यो रे सखर पाळ चूमकी चम्पा डाळ डोर टूटी ने गडूलियो डूबियो पाणी गयो रे पैताळ काठा कसी लो गमरण कांछड़ा लीजो पीपरिया नी वाट घर जाता हो गमरण माता ने के माता म्हारो माथो दूखे ससराजी आणें आविया माता म्हारो तो माथो दूखे जेठजी आणे आविया माता म्हारो तो माथो दूखे देवरजी आणे आविया माता म्हारो तो माथो दूखे पीयूजी आणे आविया घर जा ने बेटी माता म्हारो माथो हो गूथो पाटी पड़ाव पियूजी आणे आविया
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आरता हे आरता सांझी माई आरता आरता हे आरता सांझी माई आरता आरते की फूल झवेलन बेल इतने से भाइयां में कुणसा गोरा चन्दा गोरा सूरज गोरा गोरा के रनयण काजल भर गेरे
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घोड़ी बठी नऽ धणियेरजी आया घोड़ी बठी नऽ धणियेरजी आया , रनुबाई करऽ सिंगार हों चंदा कसी भरी लाऊं जमुना को पाणी , घर म्हारो दूर घागर म्हारी भारी , घाटी घढ़ी हाऊं हारी चंदा कसी भरी लाऊँ जमुना को पाणी ।
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बाबे तेरे की दोय क्यारियां बाबे तेरे की दोय क्यारियां बाग लगवाइये म्हारा छैल बन्ना काची कलियां तोड़ कै सुवा साफा रंगवाइये म्हारा छेल बन्ना सुवा साफा बांध कै सुसराल बिग जाइये म्हारा छेल बन्ना साली तुम्हारी गाभरू धीमे बतलाइये म्हारा छेल बन्ना सासू तुम्हारी हांडणी जरा सीख देता आइये म्हारा छेल बन्ना
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354 सुन सहतीए असी हां नाग काले पढ़ सैंफियां1 जुहद2 कमावने हां मकर रन्न नूं भन्नके साफ करदे जिन्न भूत नूं साड़ विखावने हां नकस लिखके फूक यासीन3 साए4 सूल दी जात गवावने हां दुख दरद बला सभे दूर हुंदे कदम जिन्हां दे वेहड़यां पावने हां सनै तसमियां5 पड़हां इखलाक6 सूरत जड़ां वैरी दियां पुट गुवावने हां दिलों जिसदे चा तवीज लिखिये असीं रूठड़ा यार मनावने हां जेहड़ा मारना होवे ता कील करके ऐतबार मसान जगावने हां जेहड़े गभरू तों रन्न रहे विटर लौंग मंतर के चा खुवावने हां जेहड़े यार नूं यारनी मिले नाहीं फुल मंतर के चा सुंगावने हां ओहनां वौहटियां दे दुख दरद जादे फड़ हिक ते हथ फरावने हां कील डायनां कचियां पकियां नूं दंद भन के लिटां मुनावने हां जान सेहर जादू जेहड़े भूत गुंडे गंडा कील दुआली दा पावने हां किसे नाल जे वैर विरोध होवे ओहनूं भूत मसान चमड़ावने हां बुरा बोलदी ए जेहड़ी जोगियां नूं सिर मुन्न के गधे चढ़ावने हां जैदे नाल मुदपड़ा7 ठीक होवे ओहनूं वीर बैताल पहुंचावने हां असी खेड़ियां दे घरों इक बूटा हुकम रब्ब देनाल पुटावने हां वारस शाह जे होर ना दा लगे सिर ते परेम जड़ीयां जा पावने हां
panjabi-pan
44 पैसा खोल के हथ ते धरे जेहड़ा गोदी चाढ़ के पार उतारने हां अते ढेकया मुफत जे कन्न खायें चा बेड़ियों जिमीं ते मारने हां जेहड़ा कपड़ा दे ते नकद सानूं सभो ओसदा कम्म सवारने हां जोरावरी जे आनके चढ़े बेड़ी अधवाटड़े डोब के मारने हां डूमां अते फकीरां ते मुफतखोरां दूरों कुतियां वांग दुरकारने हां वारस शाह जेहां पीर जादयां नूं मुढों बेड़ी दे विच ना वाड़ने हां
panjabi-pan
नथली के जुलमी तोता नथली के जुलमी तोता हालै झूलै मत रे ऐसी बेहोस करी रे रस टपकै लगी झड़ी रे या है पीले अधर भरी रे रसता भूले मत रे फल कच्चे पक्े होते वे झूठे करे नपूते ढोला तूं छोड़ अछूते सबे गबूरे मत रे
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कहाँ रे हरदी, कहाँ रे हरदी कहाँ रे हरदी , कहाँ रे हरदी भई तोर जनामन , भई तोर जनामन कहाँ रे लिए अवतार मरार बारी , मरार बारी दीदी मोर जनामन , दीदी मोर जनामन बनिया दुकाने दीदी लिएँव अवतार कहाँ रे पर्रा , कहाँ रे पर्रा भई तोर जनामन , भई तोर जनामन कहाँ रे पर्रा तैं लिए अवतार सिया पहार ऐ , सिया पहार ऐ दीदी मोर जनामन , दीदी मोर जनामन कँड़रा के घरे मैं लिएँव अवतार
chhattisgarhi-hne
100 माए चाक तराहयां बाबे चाए एस गल उते बहुत खुशी हो नी रब्ब उसनूं रिज़क है देणहारा कोई उसदे रब्ब ना तुसी हो नी मझीं होण खराब विच बेलयां दे खेल दस केही बुस बुसी हो नी वारस शाह औलाद न माल रहसी जिहदा हक खुथा ओह तां हो नी
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सासागन हेजे केन कूटूम्बे सासागन ऐजेकेन सासागन हेजे केन कूटूम्बे सासागन ऐजेकेन सासागन हेजे केन कूटूम्बे सासागन ऐजेकेन सासागन हेजे केन कूटूम्बे सासागन ऐजेकेन आम बाकी सोस बाकी सासाकूनी सायेने आम बाकी सोस बाकी सासाकूनी सायेने आम बाकी सोस बाकी सासाकूनी सायेने स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल
korku-kfq
ऊँच तोरा लिलरा गे बेटी, मनि बरे जोत ऊँच तोरा लिलरा1 गे बेटी , मनि2 बरे3 जोत4 । दँतबा के जोत गे बेटी , बिजुली चमके ॥ 1 ॥ एक तो सुनली5 गे बेटी , मएभा6 सासु । दोसरे सुनली के बेटी , करिया7 दमाद । खयबो में माहुर8 बिरवा9 लगयबो में फाँसी , येही धिया10 लागी11 ॥ 2 ॥ जनि खाहु माहुर बिरवा , जनि लगाबहु फाँसी । भइया के लिखल हे अम्मा , बाबा चउपरिया12 । हमरो लिखल हे अम्मा , जयबो दूर देसवा ॥ 3 ॥ जाहि दिन हे अम्मा , भइया के जलमवाँ13 सोने छूरी कटइले नार14 हे । जाहि दिन अहे अम्मा , हमरो जलमवाँ , हँसुआ खोजइते हे अम्मा , खुरपी15 न भेंटे ; झिटकी16 कटइले मोरो नार हे ॥ 4 ॥
magahi-mag
वर निकासी धीरा मा धीरो चाले मारा राजबना । बइंने पछल रहिग्यो मारा राजबना । धीरा मा धीरो चाले मारा राजबना । बणवि ना पछल रहिग्यो मारा राजबना । धीरा मा धीरो चाले मारा राजबना । भाइ ना पछल रहिग्यो मारा राजबना । धीरा मा धीरो चाले मारा राजबना । भोजाइ ना पछल रहिग्यो मारा राजबना । मेरा राजा बना धीरे चलने वालों से भी धीरे चल रहा है । बहन से पीछे रह गया , बहनोई से , भाई से और भौजाई से पीछे रह गया ।
bhili-bhb
562 जदों शरह1 दी आनके रजूह2 होए काजी आखया करो ब्यान मियां दिओ खोल सुनायके बात मैंनूं करां उमर खताब दा निआउं मियां खेड़े आखया हीर सी साक चंगा घर चूचके सयाल दे जान मियां अजू खेड़े दे पुत नूं खैर कीता होर ला थके लख तरान मियां जंज जोड़के असां विआह आंदी टके खरच कीते ढेर दान मियां लख आदमी दी ढुकी प्रथवी सी हिंदू सिख अते मुसलमान मियां असां लायके दम विआह आंदी देस मुलक रहया सभो जान मियां असां खोल्ह के हाल बियान कीता झूठ बोलना बहुत नुकसान मियां रावन वांग लै चलया सीता ताईं एह छोहरे तेज जबान मियां
panjabi-pan
ले रे ले रे ले रे बेटा जारी लोटा ले रे बेटा मुंडा धोये ले रे ले रे ले रे बेटा जारी लोटा ले रे बेटा मुंडा धोये ले रे ले रे ले रे बेटा जारी लोटा ले रे बेटा मुंडा धोये मुंडा धोवे किया केरो मैं जाऊँ परदेशी रानी ढूँढे मुंडा धोवे किया केरो मैं जाऊँ परदेशी रानी ढूँढे रानी फीकेर सो बड़ो माय रानी फीकेर सो बड़ो माय रानी नहीं हो ये गेरु बुरा दिखे रानी नहीं हो ये गेरु बुरा दिखे स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी
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68 जेता मामले पैन तां नस जाएं इशक जालना खरा दुहेलड़ा1 ई सच आखना ई हुने आख मैंनूं एहो सच ते झूठ दा वेलड़ा ई ताब इशक दी झलनी बड़ी औखी इशक गुरु ते जग सभ चेलड़ा ई एथे छड ईमान जे नस जावें अंत रोज किआमते मेलड़ा ई
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जिस तन लग्या इशक कमाल जिस तन लग्या इशक कमाल । नाचे बेसुर ते बेताल । दरद मन्दाँ नूँ कोई ना छेड़े , आपे आपणा दुःख सहेड़े , जम्मणा जीऊणा मूल हुगेड़े1 , आपणा बुज्झ आप ख्याल । जिस तन लग्या इशक कमाल । जिसने वैर इशक दा कीता , धुर दरबारों फतबा2 लीता , जदों हजूरों प्याला पीता , कुझ ना रेहा जवाब सवाल । जिस तन लग्या इशक कमाल । जिस दे अन्दर वसेया यार , उेआ यारो यार पुकार , ना ओह चाहे राग ना तार , ऐवें बैठा खेले हाल । जिस तन लग्या इशक कमाल । बुल्ला सहु नगर सच्च पाया , झूठा रौला सभ मुकाया , सच्चिआँ कारन सच्च सुणाया , पाया उस दा पाक जमाल । जिस तन लग्या इशक कमाल ।
panjabi-pan
कुवां पाणी कसी जाऊँ रे नजर लगी जाय कुवां पाणी कसी जाऊँ रे , नजर लगी जाय । नजर लगी जाय , हवा लगी जाय । । म्हारा साहेबजी का बाग घणा छे , फुलड़ा तोड़णऽ कसी जाऊँ रे , नजर लगी जाय । म्हारा साहेबजी का कुवां घणा छे , पाणी भरणऽ कसी जाऊँ रे , नजर लगी जाय । नजर लगी जाय , हवा लगी जाय । ।
nimadi-noe
ईसुरी की फाग-6 जुवना दए राम ने तोरें सब कोऊ आवत दौरें आएँ नहीं खांड़ के घुल्ला , पिएँ लेत ना घोरें का भऔ जात हाथ के फेरें , लए लेत ना टोरें पंछी पिए घटी नहीं जातीं , ईसुर समुद हिलौरें भावार्थ राम ने तुझे यौवन दिया है , सब लोग तेरे दरवाज़े पर दौड़दौड़ कर आते हैं यानि तेरे घर के चक्कर लगाते हैं । पर ये स्तन तेरे कोई खांड के खिलौने तो हैं नहीं जिन्हें हम घोल कर पी जाएंगे । इन पर हाथ फेर लेने दो , तुम्हारा क्या बिगड़ जाएगा ? हम इन्हें तोड़ तो नहीं लेंगे । ईसुरी कहते हैं कि पंछियों के पीने से समुद्र की लहरें घट नहीं जातीं ।
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राखें मन पंछी ना रानें राखें मन पंछी ना रानें , इक दिन सब खाँ जानें ? खालो पीलो , लैलो दैलो , ये ही लगै ठिकानें , कर लो धरम कछूबा दिन खाँ , जा दिन होत रमानैं । ईसुर कई मान लो मोरी , लगी हाट उठ जानैं ।
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तोरे ददा बाबू देसपति के राजा अउ काहे गुन रहे गा कुँवारा तोरे ददा बाबू देसपति के राजा अउ काहे गुन रहे गा कुंवारा हरदी के देस दीदी हरदी महंगा भइगे , अउ परी सुकाल भइगे इही गुन रहेंव ओ कुंवारा करसा के देस दीदी करसा महंगा भइगे , बिजना सुकाल भइगे इही गुन रहेंव ओ कुंवारा हरदी के देस दीदी चाउंर महंगा भइगे , अउ पर्ण भइगे सुकाल इही गुन रहेंव ओ कुंवारा करसा के देस दीदी मंगरोहन महंगा भइगे , गुड़रा भइगे सुकाल इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
chhattisgarhi-hne
ए जी जित बांटे झोली भर फूल ए जी जित बांटे झोली भर फूल उड़े पड़ सो रहे भगवान ए जी बरसै सै रिम झिम मेघ बाहर भीज्जै एकले भगवान ए जी थारै धौरे साथियां का साथ कैसे डरपो एकले जी भगवान ए जी म्हारै चौंतरे पग ना देय लीप्या पोता ऊपड़ै भगवान ए जी इतनी सी सुण कै नै किसन महलां ऊतरे भगवान ए जी एक चणा दोय दाल दलै पाच्छै ना मिले भगवान ए जी एक दही सूजै दूध फटे पाच्छै ना मिले भगवान ए जी एक पुरुष दूजी नार लडें़ पाच्छै रत्न मिले भगवान ए जी एक चणा दूजी दाल पीसे पाच्छै रत्न मिले भगवान ए जी एक दही दूजै दूध बिलोय पाच्छै ना मिले भगवान ए जी एक पुरुष दूजी नार मनाए पीछै मनै ए भगवान ए जी रोवै राधा जार बेजार आंसू गेरै मोर ज्यूं भगवान ए जी राधे रूस्से बारम्बार किसन रूस्से ना सरै भगवान
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सीता चलीं मायकें एड़ीटेड़ी बाँसुरी , बजाबेबारौ कौन , सीता चलीं मायकें , लौटाबेबारौ कौन ? आज आदमी निज स्वारथ में , ऐंन आँदरौ हो रओ , मानुस होकैं मानवता खौं , काए कुजानें खो रओ । असगुन हो रए रोज चौगुने , बिगरत जा रओ सौंन । कैबे सुनबे जान चिनारी , कोऊ काम नइँ आबैं , थायँबताकै हमें ऊथली , लै गैरे खौं जाबैं । दूध बिलइयाँ पिएँ मजे सें , हमें मठा कौ धौंन । चोरचोर मौसेरे भइया , पेरैं अपनी घानी , अपुन मसकबैं माल मजे सैं , हमें पिआ दएँ पानी । फोरा पारैं और जरे पै , डारैं रोजऊँ नौंन । चोरबजारी करैं प्रेम सैं , हरिसचन्द के लरका , सज्जनता की नई सड़क पै , बड़ेबड़े भए भरका । अपने काजै डैवड़ौ दूनौ , और काउऐ पौंन । नीतन्याय की बात करौ नइँ , भरौँ मच गओ भारी , मौं पै मीठे बोल , बगल में दाबैं फिरैं कटारी । तनक भले की बात चलै तौं , होहो जाबैं मौन । सत्य अहिंसा धरम नीति के , क्वाउत जौन पुजारी , निकरत बेइ कुकरमी पापी , असली अत्याचारी । बेइ प्रगत के महाखम्भ की , पकरैं बैठे टौंन ।
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मैं मुशताक दीदार दी घुँघट ओहले ना लुक सोहणिआ , मैं मुश्ताक दीदार दी हाँ । जानी बाझ दीवानी होई , टोकाँ करदे लोक सभ्भोई । जे कर यार करे दिलजोई , मैं ता फरिआद पुकारदी हाँ । मैं मुश्ताक दीदार दी हाँ । मुफ्त बिकान्दी बान्दी जान्दी , मिल माहीआ जिन्द ऐवें जान्दी । इकदम हिजर नहीं मैं सहिन्दी , मैं बुलबुल इस गुल्ज़ार दी हाँ । मैं मुश्ताक दीदार दी हाँ । घुँघट ओहले ना लुक सोहणिआ , मैं मुशताक दीदार दी हाँ ।
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559 खेड़यां जोड़के हथ फरयाद कीती नहीं वकत हुण जुलम कमावने दा एह ठग जे महजरी1 बड़ा खोटा सेहर जानदा सरहों जमावने दा वेहड़े वड़दयां नढियां मोह लैंदा इस नूं इलम जे रन्न वलावने दा साडी नूंह नूं इक दिन सप्प लड़या ओह वकत सी मांदरी लयावने दा सहती दसया जोगिड़ा वांग काल ढम जानदा झाड़या पावने दा मंतर झाड़े नूं असां ने सद आंदा सानूं कम सी जिंद बचावने दा लै के दोहां नूं रातों ई रात नठा फफर वली अला फेरा पावने दा विचों चोर ते बाहरों साध दिसे इसनूं वल जे भेख वटावने दा राजे चोरां ते यारां नूं मार देनी सूली रसम है चोर चढ़ावने दा भला करे ते एहनूं मार टिे हुकम आया है चोर मुकावने दा वारस शाह बेअमल चाकरी कोई रब्बा रखां आस मैं फजल करावने दा
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239 बुझी इशक दी अग नूं वा लगी समां आया ए शौक जगावने दा बाल नाथ दे टिले दा राह फड़या मता जागया कन्न पड़ावनेदा पटे वाल मलाइयां दे नालपाले वकतआया सू रगड़ मुनावने दा जरम करम तयाग के ठान बैठा किसे जोगी दे हथ वकावने दा बुंदे सोने दे लाह के चाअ चढ़या कन्न पाड़ के मुंदरां पावने दा किसे ऐसे गुरदेव दी टहल करीए वल सिखीए रन्न खिसकावने दा वारस शाह मियां एहनां आशकां नूं फिकर जरा ना जिंद गुवावने दा
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सरग भवन्ति हो गिरधरनी एक सन्देशो लई जाव सरग भवन्ति हो गिरधरनी , एक सन्देशो लई जाव । । सरग का अमुक दाजी खऽ यो कयजो , तुम घर अमुक को ब्याव । । जेम सरऽ ओमऽ सारजो हो , हमारो तो आवणोनी होय । । जड़ी दिया बज्र किवाड़ , अग्गळ जड़ी जड़ी लुहा की जी । ।
nimadi-noe
453 मियां तींवियां नाल विवाह सोहन अतेमरन ते सोंहदे वैन मियां घर बार दी जेब1 ते हैन2 जीनत नाल त्रिमतां दे साक सेन मियां एह त्रीमतां सेज दियां वारसा ने अते दिलां दियांदेन ते लैन मियां वारस शाह एह जोड़ना जोड़दियां ने अते महरिहां3 महरदियां हैन मियां
panjabi-pan
पियवा, हो पियवा, तू ही मोरा साहेब हो पियवा पियवा , हो पियवा , तू ही मोरा साहेब हो पियवा । पियवा , जे बघिया1 एक लगइत , टिकोरवा2 हम चखती हो ॥ 1 ॥ धनियाँ , हे धनियाँ , तूहीं मोरा सुन्दर हे धनियाँ । धनियाँ , बेटवा जे एक बियइतऽ सोहरवा हम सुनती हे ॥ 2 ॥ बेटवा जे होअ हे करम से जे ऊ राम बूझथ3 हे । बघिया जे होअ हे आदमी से , आउर मानुस से ॥ 3 ॥ ओरिया4 काटि नेहयलन , सुरूज गोड़वा लगलन हे । हमें पर आदित होअ न देआल , पियवा मोरा ओलहन5 हे ॥ 4 ॥ आधी राति गइले , पहर राति , होरिल जलम ले ले हे ॥ 5 ॥ अँगना बहारइत6 चेरिआ , सुनहु बचन मोरा हे । चेरिया , प्रभुजी के सेजिया डँसाव त पियवा सुनिहें सोहर हे ॥ 6 ॥
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हाथी चले डिलम डोला रे घोड़ा रे चलियोंगोचाई बाबा गोचाई बाबा हाथी चले डिलम डोला रे घोड़ा रे चलियों हाथी चले डिलम डोला रे घोड़ा रे चलियों चमकी कैसी घोड़ा रे सारी रात रे दिवा वाले चमकी कैसी घोड़ा रे सारी रात रे दिवा वाले राजा चले देश देखन रे राजा चले देश देखन रे रानी चलियो गाजा बाजा रे रानी चलियो गाजा बाजा रे सारी रात दिवा वाले सारी रात दिवा वाले हाथी चले डिलम डोला रे घोड़ा रे चलियो हाथी चले डिलम डोला रे घोड़ा रे चलियो स्रोत व्यक्ति पीला बाई , ग्राम आंवलिया
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135 सइयां नाल रलके हीर मता कीता खिंड पुंडके गलियां मलियां नी कैदो आन याजदों फलहे अंदर खबरां तुरत ई हीर नूं घलियां नी हथीं पकड़ कांवा वांग शाह परियां गुसा खाइके लारियां जलियां नी कैदो घेर जयों गधा घुमयार पकड़े लाह सेलियां पकड़ पथलियां नी घाड घाड ठठयार जोपौन धमकां धाई छबियां मोहलियां1 नीचलियां नी
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बखरी रैयत है भारे की बखरी रैयत है भारे की , दई पिया प्यारे की । कच्ची भीत उठी माटी की , छाई फूस चारे की । वे बन्देज बड़ी बे बाड़ा , तई पै दस व्दारे की । किबारकिवरियाँ एकऊ नइयाँ , बिना कुची तारे की । ‘ईसुर’ चाँय निवारों जिदना , हमें कौंन बारे की ।
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कुतली चूरगी मोरई जपय कुतली चूरगी मोरई जपय कुतली चूरगी मोरई जपय कुतली चूरगी मोरई जपय हुई कुतली चूरगी मोरई जपय हुई कुतली चूरगी मोरई जपय हुई कुतली चूरगी मोरई जपय हुई डिजकेन का सासावा डिजकेन का सासावा डिजकेन का सासावा डिजकेन का सासावा स्रोत व्यक्ति शिवराज पालवी , ग्राम मोरगढ़ी
korku-kfq
आकाशो में तो चाँद सूरजो धरती में तो राम भगवान आकाशो में तो चाँद सूरजो धरती में तो राम भगवान जा भगवान इयें कीनी चोयमा गाले धरती में तो चाँद सूरजो आकाश में तो राम भगवान जा भगवान इय केन नी चोयामा गाले मायटेने भी फुरी जा भगवान , बाँटे ने भी पूरी जा भगवान जा भगवान इंके न भी चोयामा गाले बा केन भी डोढूँजा भगवान जा माय केन भी डोढूँजा भगवान जा भगवान इयें केन ने चोयामा गाले पीठो में तो भाई नहीं है खोक में तो बैठा नहीं है जा भगवान इयेकेन ने चोयामा गाले खोक में तो बैठा नहीं है पीठो में तो भाई नहीं रे हा रे भगवान इयेकेन चोयामा गाले पीठ में तो काका नहीं रे , पीठ में तो काकी नहीं रे जा भगवान इयेकेन चोयामा गाले स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल
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देवी के पर्वत चड़ती चौलण पाट्या ए मां देवी के पर्वत चड़ती चौलण पाट्या ए मां । कै गज चौलन पाट्या के गज रह्या ए मां । दस गज चौलन पाट्या नौ गज रह्या ए मां । काहे की तो सुई री मंगाऊं काहे का तागा ए मां । सार की तो सुई री मंगाऊं रेसम का तागा ए मां ।
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भूरे की माता बोलती सुण भूरा मेरा माना की माता बोलती मेरा माना आइये बेटा बादसाह के दलां में तू सन्मुख जाइये तेग झमकती देख के भय मत ना खाइये लोथा ऊपर लोथ पड़ै मत एडी ठाइये रतनसिंह के नाम पर सम्मुख मर जाइये जै तूं आवै भाज के मुंह मत दिखलाइये अच्छा सा जोगी देख कै जा कान पड़ाइये ठेकरा ले लीये हाथ में मांगिये अर खाइये और घणी रे माना के कहूं मां के दूध कै मत लाणा लाइये
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मुखड़ी को रंग कनो! सिर धौंपेली1 लटकाई कनी , काला सर्प की केंचुली जनौ सिन्दूर से भरी माँग कनी , नथूली मा गड़ी नगीना जनी । सी आँखी सरमीली कनी , डाँडू मा खिली बुराँसी जनी । मुखड़ी को रंग कनो ? बाला सूरज को रंग जनो ओंठू का बीच दाँतुड़ी कनी , गठ्यांई2 भोत्यों माल जनी स्वर मा मिठास कनी ? डाँड्यो वासदी हिलाँस3 जनी
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सुन्दर सेत सरद को चन्दा सुन्दर सेत सरद को चन्दा । रास रचौ गोविन्दा । सेत उठाई सेत बिछाई । सेत चाँदनी बन्दा । सेतइ कली टिकुली सी दमकैं , अली करै आनन्दा । जेवर सेतसेत पोसाखैं । सेत सुमन को कन्दा । ईसुर सेत सुपेती को सुख , किसन चन्द मकरन्दा ।
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सुहाग मांगण दादी पै गई सुहाग मांगण दादी पै गई सुहाग मांगण अम्मां पै गई दादी भर द्यो ने मांग सिंदूर सुहाग हम नै तुंए देगी री अम्मां भर द्यो नै मांग सिंदूर सुहाग हम नै तुंए देगी री हथ मैंहदा भइआ चूड़ा बीबी सीस डोरी री भर ल्यो नै मोतियन तै मांग सुहाग थम नै रब देगा री ।
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349 असीं भूत दी अकल गवा दईए सानूं ला भबूत डरावना एं त्रिंजणं देखने वहुटियां छैल कुड़ियां ओथे किंगनी तार वजावना एं मेरी भाबी दे नाल तूं रमज मारें भला आप तूं कौन सदावना एं ओह पई हैरान है नाल जहमत1 घड़ी घड़ी क्यों पया अकावना एं ना तूं वैद ना मांदरी ना मुलां झाड़े गैब दे कासनूं पावना एं चोर चूहड़े वांग है तन्न तेरी पई जापदी सिर फुडावना एं कदे भूतना होयके झंड खोले कदे जोग धारी बन आवना एं इट सिट फगवाड़ ते कवार गंदल एह बूटियां कढ वखावना एं दारू ना किताब ना हथ शीशी आख काहे दा वैद सदावना एं जाह घरों असाडयों निकल भेखी नहीं जटां दी जूह सुहावना एं खोह बावरी खपरी भन तोडूं अते होर की लीक लुआवना एं रन्नां बलम बाऊर2 दा दीन खोहया वारस शाह तूं कौन सदावना एं
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